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एक गाँव के लोग #ज्वर (बुखार) से पीड़ित थे, कई#नीम_हकीमो की दवा लेने के बाद भी ज्वर का प्रकोप जारी था। अंत में गाँव वालों ने इस से निपटने के लिए एक #डॉक्टरको नियुक्त किया। हकीमों ने गाँव वालों को भड़काने की कोशिश की लेकिन गाँव वालों को डॉक्टर से बहुत उम्मीदें थी। डॉक्टर की कठिन मेहनत के बाद ज्वर की समस्या कम तो हुई लेकिन पूरी तरह ख़त्म नहीं हो पा रही थी। डॉक्टर बिना परवाह #मेहनत करता जा रहा था फिर भी कुछ गाँव वालों का सब्र टूट रहा था और इसका लाभ लेकर नीम हकिम गाँव वालों को डॉक्टर के खिलाफ करने की कोशिश करने लगे। आखिर उनका धंधा जो चौपट हो रहा था।
अंत में वो कामयाब हुए और डॉक्टर को वापस भेज दिया गया। डॉक्टर के जाने के साथ ही गाँव वालों को कई बिमारियों ने घेर लिया।
असल में वह डॉक्टर ज्वर का इलाज़ तो कर ही रहा था लेकिन गाँव वालों को यह नहीं पता था कि आस पास के गाँव किसी#महामारी की चपेट में आ चुके थे और वह डॉक्टर ज्वर से लड़ने के साथ साथ उस महामारी के #संक्रमण को भी गाँव में आने से रोक रहा था।
आज यही हालात इस देश में हो रहे हैं जहाँ पूरी दुनिया मंदी के दौर से गुजर रही है वहीँ #भारत एकलौता वो देश है जो इस समय भी विकास कर पा रहा है।। लेकिन इस देश के नीम हकिम गाँव वालों को डॉक्टर के खिलाफ करने पर तुले हैं।
अब बताओ क्या हम भी अपने डॉक्टर श्री नरेंद्र मोदी को बदल दें क्योंकि अभी भी ज्वर समाप्त नहीं हो सका है??
#विशेष यदि आपने इस पोस्ट को पूरा पढ़ा है तो please इसे like ना करे, like करके आप साबित कर रहे कि आप बिना पढ़े समझे कुछ भी like करने को आतुर रहते हैं।।
अपने विचार रखें अथवा किसी मरीज को डॉक्टर की मेहनत के बारे में बता दे।। share करो मित्रों बेझिजक।।।
@n@nt
एक गाँव के लोग #ज्वर (बुखार) से पीड़ित थे, कई#नीम_हकीमो की दवा लेने के बाद भी ज्वर का प्रकोप जारी था। अंत में गाँव वालों ने इस से निपटने के लिए एक #डॉक्टरको नियुक्त किया। हकीमों ने गाँव वालों को भड़काने की कोशिश की लेकिन गाँव वालों को डॉक्टर से बहुत उम्मीदें थी। डॉक्टर की कठिन मेहनत के बाद ज्वर की समस्या कम तो हुई लेकिन पूरी तरह ख़त्म नहीं हो पा रही थी। डॉक्टर बिना परवाह #मेहनत करता जा रहा था फिर भी कुछ गाँव वालों का सब्र टूट रहा था और इसका लाभ लेकर नीम हकिम गाँव वालों को डॉक्टर के खिलाफ करने की कोशिश करने लगे। आखिर उनका धंधा जो चौपट हो रहा था।
अंत में वो कामयाब हुए और डॉक्टर को वापस भेज दिया गया। डॉक्टर के जाने के साथ ही गाँव वालों को कई बिमारियों ने घेर लिया।
असल में वह डॉक्टर ज्वर का इलाज़ तो कर ही रहा था लेकिन गाँव वालों को यह नहीं पता था कि आस पास के गाँव किसी#महामारी की चपेट में आ चुके थे और वह डॉक्टर ज्वर से लड़ने के साथ साथ उस महामारी के #संक्रमण को भी गाँव में आने से रोक रहा था।
आज यही हालात इस देश में हो रहे हैं जहाँ पूरी दुनिया मंदी के दौर से गुजर रही है वहीँ #भारत एकलौता वो देश है जो इस समय भी विकास कर पा रहा है।। लेकिन इस देश के नीम हकिम गाँव वालों को डॉक्टर के खिलाफ करने पर तुले हैं।
अब बताओ क्या हम भी अपने डॉक्टर श्री नरेंद्र मोदी को बदल दें क्योंकि अभी भी ज्वर समाप्त नहीं हो सका है??
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