Sunday 29 May 2016

भाई राम राम - सलाम भाईजान

एक सवाल हर उस हिंदू से जो नफ़रत करता है मुसलमान से...
और जो करता है नफ़रत हिंदू से, वही सवाल है उस मुसलमान सेI 

Main Hindu Tu Musalman
एक पल को मान लिया जाए कि जो तुम कर रहे हो अपने धर्म के लिए या मज़हब के लिए...
हिंदुओं को काटने की बात या मुस्लिम को मिटाने की बात... सच्चाई के धरातल पर यह कितना संभव है?

क्या इस देश से 15 या 20 या 25 करोड़ जीतने भी मुसलमान बसते हैं, उन्हे हटाया या मिटाया जा सकता है... किसी भी तरीके से? या किसी भी तरीके से इस देश के सभी हिंदुओं को ख़त्म किया जा सकता है?
जो एक हिंसक कट्टरता इन दीनो हावी है कुछ हिंदुओं पर और मुसलमानो पर, उस कट्टरपंथ की माँग यही हैI

कोई चाहे इसे माने या नहीं लेकिन हक़ीकत एक ही हैI हिंदू भी यहीं रहेगा और मुसलमान भी...
अब रहना कैसे है यह हमें ही तय करना हैI
डर के साए में रहना है या सामने वाले को डरा के रखना हैI
अपने सम्मान और अपनी अस्मिता के लिए खड़े होना ग़लत नहीं लेकिन उसी के नाम पर किसी निर्दोष हिंदू या निर्दोष मुसलमान को सज़ा देना ना तेरा अल्लाह माफ़ करेगा ना तेरा भगवानI

और इतिहास इस बात की गवाही चीख चीख कर देता है कि जब जब हिंदू मुसलमान आमने सामने हुए तब तब भुगता केवल मासूमों ने ही हैI चिंगारी दिखाने वाले दूर से बर्बादी का तमाशा देखकर खुश हो रहे होते हैंI

क्रोध और नफ़रत के आवेग में हथियार जब चलते हैं तो मानवता के मूल्य बिखर जाते हैंI
तब यह होश नहीं रहता कि एक मौत कई सारी ज़िंदगियाँ तबाह कर देती हैI

अपने ठेकेदारों के हाथों की कठपुतलियाँ बनकर भीड़ जब ज़ुल्म करने लगती है तो इसकी चपेट से कोई नहीं बच पाता हैI तब बलात्कार की शिकार एक हिंदू की बहन भी होती है और मुसलमान की बहन भीI और हर ज़ुल्म की दास्तान के अंत में केवल पछतावा शेष रह जाता हैI

अगर इस देश की एकता और अखंडता की थोड़ी भी चिंता है किसी हिंदू या मुसलमान को तो सबसे पहले एक दूसरे की धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करना तुम्हे सीखना होगाI बहुत हैं मुल्ले और पंडित यहाँ जो तुम्हारे इस कदम को धर्म के विरुद्ध और मज़हब की तौहीन साबित करने की कोशिश करेंगेI
बस अपने दिल से पूछो,
क्या तेरा खुदा इतना बेरहम है...
या तेरे भगवान में दया नहीं...

क्या केवल हिंदू को बस अधिकार है जीने काI
या केवल मुसलमान ही बस रह सकता है इस धरती परI

अबे तुम होते कौन हो जो इस दुनिया को रचनेवाले की रचना पर सवाल उठाते होI
अगर उसे बनाने होते सब हिंदू ही तो वह इतना काबिल खुद हैI
या उसे है प्यार खाली मुस्लिम से तो काफ़िर पैदा ही क्यों होते हैं?

अगर उस खुदा से तुमको मोहब्बत है, तो उस से भी मोहब्बत कर जिसे उसने ही बनाया हैI
तू बात करता है भगवान की तो जानले, उसने तो इस धरती पर हर प्राणी को बसाया हैI

हमारा आह्वान है हर एक सच्चे हिंदू से और पुकार है हर एक नेक मुसलमान को...

क्यों नहीं उन नियमों को और पाबंदियों को ख़त्म करते जो रुकावट हैं दिलों के मिलन मेंI
मेरा धर्म ये कहता है या मेरा मजहब ये सिखाता इन से आगे निकल और ये बता कि तेरा धर्म या मज़हब, मैं जैसा हूँ, जो भी हूँ, उसी रूप मे क्या मुझे स्वीकारने को तैयार हैI अगर नहीं तो तू मुझे कैसे स्वीकार सकता है???
ये मत कह कि मुझे तेरे जैसा होना होगाI
मैं जैसा हूँ तुझे वैसे ही मुझे अपनाना होगाI

एक दूसरे के भ्रम दूर करो और विश्वास पैदा करो कि सबसे पहले हम हिन्दुस्तानी हैं, किसी के बहकावे में आने वाले मूर्ख और अंधी भीड़ का हिस्सा नहीं हम...I जब अत्याचारी सामने आए तो हिंदू को भी उठ ख़ड़ा होना होगा और मुसलमान को भीI ज़रूरत होने पर हथियार भी उठाना होगा, लेकिन उसका निशाना जुल्मी होगा ना कि वो लोग जो हमारे अपने हैंI

भरोशा रखिए...  फ़िज़ा का रंग बदलेगा... रास्ता यही है प्रेम और मोहब्बत काI

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